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Facebook ग्रुप एडमिन की जेल, ऐसा करोगे तो जेल होगी आपको

खबर अभी अभी.  वाराणसी जिला मजिस्ट्रेट योगेश्वर राम मिश्र और सिटी पोलिस चीफ़ नितिन तिवारी ने साफ़ कर दिया कि अगर किसी भी व्यक्ति समुह या संस्था ने फ़ेसबुक या फिर Whats App के किसी ग्रुप मे कुछ भी ऐसी खबर सन्देश प्रकाशित किया जा शेयर किया जो देश हित में नहीं है या भ्रामक है तथा झूठ है तो ऐसे मे पुरी जिम्मेदारी ऐडमिन की मानी जायेगी तथा ऐसे लोगो को जेल की हवा भी खानी पडेगी. उक्त joint order में यह भी कहा गया है कि फ़ेसबुक और Whats App पर फ़र्जी या मनम्रर्जी नाम से बहुत सारे समाचार चैनल लोगो द्वारा चलाये जा रहे हैं जो किसी भी समाचार की विश्वनियता को जाँचे और परखे बिना ही उसे शेयर कर देते हैं, ऐसे लोगो पर तुरंत FIR की जायेगी अगर कोई झुठी खबत आगे शेयर की. उक्त joint order में तो यह भी हिदायत दी गयी है कि ग्रुप मे चाहे फ़ेसबुक हो या कोइ और माध्यम, ऐडमिन सिर्फ़ उन्ही लोगो को जोड़े जिनको वो व्यक्तिगत रुप से जानते और पहचानते हो. तथा ऐसे ग्रुप मे होने वाली किसी भी असामाजिक हरकत, झूठे सन्देश, फ़्राड खबर, आदि की पुरी जिम्मेदारी सिर्फ़ ऐडमिन की बनती है. तो ग्रुप ऐडमिन ध्यान रखे, तथा किसी भी...

सलमान के गले में जुतो की माला

पढकर हैरानी हुई ना.. डर असल बात ये है कि जुतो की माला सलमान खान उर्फ़ सल्लु मियां को किसी और ने नहीं पहनाई है बल्कि ये तो उन्होने खुद ही पहनी है. हम बात कर रहे हैं सलमान की आने वाली ...

योगी आदित्य नाथ जी के मंत्री ने किया कमाल, दिव्यान्ग को भी नहीं छोड़ा

योगी आदित्य नाथ जी के मंत्री श्री सत्य देव पचौरी का बडबोला बयान अब भारतीय जनता पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गया है, दर असल मत्री जी औचक निरिक्षण में व्यसत थे, तभी उनकी नजर दिव्यान्ग पर पड़ी. बस फ़िर क्या था मन्त्री जी का पारा चढ़ गया और दिव्याग की क्लास ले डाली  https://youtu.be/34JFr8rDmVE मंत्रि - कहाँ पर काम करते हो दिव्याग - साफ़ सफ़ायी विभाग मे मंत्री - कब से कर रहे हो दिव्याग बहुत साल दे 1995 से मंत्री (आला अफ़सर को)  - इन लूले लंगडो को क्यु संविदा पर लगा रखा है, तभी साफ़ सफ़ायी का ये हाल है. पैसा देते हो ना तो. कितना पैसा लेता है दिव्याग - 4000/- रुपये अब मंत्री जी को भला कौन समझाये कि श्रीमान जी आदमी लंगडा सोच और मन से होता है, शरीर से नहीं. कम से कम मंत्री होने के नाते 4000 रुपये में अपना गुजारा करने वाले दिव्याग कि सबके सामने खडा करके बेज्ज्ती करना तो अच्छी बात नहीं है. फ़िलहाल इसपे चुप्पी छायी है तथा कोई भी सफ़ायी मंत्रि जी की तरफ़ से नहीं आयी है. अब देखते हैं राष्ट्रहित कि बात करने वाली भाजपा सरकार इस पर क्या एक्शन लेती है, लेकिन फ़िलहाल तो विपक्षी खेमो के...

लद गये लाल बत्ती के दिन,नेताओ के सिर दे सत्ता का नशा उतरना चालू

एक के बाद एक साहस भरे फ़ैसले लेके दुनिया भर मे अपना डंका बजा देने वाली मोदी सरकार ने एक बार फिर चौंकाने वाला फ़ैसला लिया है और इस बार गाज गिरी है नेताओ की गाड़ीयो पर. कौन इस्तेमाल कर सकेगा बत्ती और कैसा होगा बत्ती का रंग सायरन वाली लाल बत्ती राष्ट्रपती, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रिय मंत्री,  सुप्रिम कोर्ट के चिफ़ जस्टिस, संसद मे विपक्ष के नेता l बिना सायरन वाली लाल बत्ती मुख्य चुनाव आयुक्त, केन्द्रिय राज्यमन्त्री, गर्वनर, मुख्यमन्त्री, हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस l सायरन वाली निली बत्ती जिला जज, पुलिस कमीशनर, IPS अधिकारी, इनकम टैक्स कमिशनर l बिना सायरन की निली बत्ती पुलिस गाडिया, एम्बुलेंस, वी वी आई पी एस्कोर्ट गाड़ीया पीली बत्ती सेशन जज, एडिशनल डिस्ट्रीक्ट जज, इनकम टैक्स के एडिसनल कमिशनर

कभी भी बन्द हो सकता है Whats App, ये है इसकी बडी वजह

What's App पर दिन रात चिपके रहने वालो के लिए अच्छी खबर नहीं है, अब आपका ये फ़ैवरिट एपलिकेशन कभी भी बन्द किया जा सकता है, आपको मोदी सरकार द्वारा नोटबन्दी पर रातो रात लिया गया फ़ैसला तो याद ही होगा शायद.  तो अब तैयार हो जाईये ऐसी ही एक और खबर के लिए,  और इस बार वजह भी बहुत बडी है l दर असल खबर ये है कि Whats App ने जब से End to End Chat Encryption का फ़ीचर शुरु किया है तभी से ये सुरक्षा एजेंसियों के लिए गले मे हड्डी बना हुआ है तथा सुरक्षा एजेंसियों के लिए किसी गलत गतिविधि को पकड़ने से रोक रहा है क्योंकि End to End Encryption की दशा मे कोई भी आपके chat और सन्देश को हैक नहीं कर सकता है. पाकिस्तान कि खुफ़िया एजेंसिया जिस तरफ़ दिन रात भारत को निशाना बना रही है ऐसी दशा मे कुछ लोगों को जांच के लिये trace करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बहुत ही जरुरी होता है जो कि नहीं हो पा रहा है. तो खबर पक्की है, अब फ़ैसला आपका है-हो जाइये तैयार Whats App को अलविदा कहने के लिए. क्योकि भारतीय होने के नाते देश हित से बढ़के कुछ भी नहीं है, जहा लोग भारत माता के लिये जान कुर्बान कर देते हैं, हमे तो बस एक App...

कश्मीर में चले गुलेल, ईटमारो की आयी शामत

बहुत हुआ पेलेट गन और मिर्ची पाउडर का इस्तेमाल. अब तैयार हो गयी है नयी गुलेल फ़ोर्स, जिसको नाम दिया गया है 'गोफन फ़ोर्स'. दर असल ईटमार पेड, खंभे या पहाड़ी की आड मे आकर पत्थर फ़ेक देते है जिससे उन पर पेलेट गन से निशाना लगाना काफ़ी मुश्किल भरा काम है लेकिन इससे निपटने के लिए सेना ने अब कमर कस तैयारी शुरु कर दी है. साल 2016 मे पत्थरबाजी के 40 हजार मामले सामने आये जिसमे से मुश्किल से 400 ईटबाज ही पकडे जा सके. क्युकि ये दूर से निशाना बना के पहाडो की ओट मे गायब हो जाते हैं. इनका मुख्य मकसद सुरक्षा बलों को नुकसान पहुचाना ही होता है. साल 2016 मे लगभग 100 जवानों को सिर्फ इन पत्थरबाजो अपने की वजह से हाथ और पैरों में फ्रैक्चर हुए हैं. अब पहाड़ी के बीच जगह जगह पर गोफन फ़ोर्स के युवा सैनिक कश्मीरी ईटबाजो से लोहा लेने के लिए तैयार रहेगे और एक इशारे पर सीधे गुलेल मे पत्थर डाल के प्रहार कर देंगे. अब ये तो समय ही बतायेगा कि ये नया तरीका कितना कामयाब रहेगा. पर फ़िलहाल तो घाटी मे हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे. जहा कश्मीरी ईटबाज पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारो के साथ जवानो को राह चलते पत्थर मार...

बी एस एफ़ ने की कार्यवाही, तेज बहादुर को किया बर्खास्त

बी एस एफ़ (बोर्डर सेक्युरिटी फ़ोर्स) ने खराब खाने की फ़ेसबुक पर वीडियो बनाकर शिकायत करने वाले जवान तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया है. इस जवान ने खाने की गुणवत्ता पर सीधा सवाल उठ...