ऐसी मान्यता है कि नवविवाहित स्त्री को चूड़ियां इसलिए पहनाई जाती हैं ताकि उसकी आने वाली जिंदगी प्यार व स्नेह से भरी रहे। # दक्षिण भारत में सोने को बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए यहां दुल्हन के होथों में सोने की चूड़ियां पहनायी जाती हैं। बंगाली शादियों में, दुल्हन को सीपों से बनी मूंगिया रंग की चूड़ियां पहनाई जाती हैं। इन चूड़ियों को स्थानीय भाषा में पोला कहते हैं। राजस्थानी और गुजराती शादियों में, दुल्हन को हाथी के दांतों से बना सफेद रंग का चूड़ा पहनाया जाता है। चूड़ियों के इन रंगों का राज: # लाल रंग की चूड़ियों को ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती हैं। # हरे रंग की चूड़ियों को भाग्य व प्रजनन क्षमता का प्रतीक मानी जाती हैं। # पीले रंग को आनंद का प्रतीक मानी जाती हैं। # सफेद को नई शुरुआत का प्रतीक मानी जाती हैं। # नारंगी को सफलता का प्रतीक माना जाता है। # चांदी की चूड़ियां शक्ति और सोने की चूड़ियां समृद्धि का प्रतीक मानी जाती हैं।
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